फरवरी के महीने मे हमे इश्क हुआ कर्ता था

फरवरी के महीने मे हमे इश्क हुआ कर्ता था

 

फरवरी के महीने मे हमे इश्क हुआ कर्ता था
निकल आता था रोज चांद
दिल कइ चांदनीयो पे मरता था
कंबख्त – स्पुर्थी भी भितर से
यु ऊछल कुद के आती थी
वरना मौसम तो सर्दीयो का
बहोत लंबा चलता था
और गर्मी का मौसम
हमारी स्पुर्थी पे ही पलता था
बसंत का त्यौहार –
— तब होली मे ही होता था
फरवरी की दोस्ती को
बुखार वैलेन्टाईन का होता था
दवा मात्रा मे वो मार्च फ्रेंडशिप
बन जाता था
कंबख्त ये बुखार हमे
हर साल क्यो -आता था
फरवरी के महीने मे हमे इश्क हुआ कर्ता था
फरवरी के महीने मे हमे इश्क हुआ कर्ता था
फरवरी के महीने मे हमे इश्क हुआ कर्ता था

*॥ बोबडे बोल ॥*©

*@ संदीप बोबडे*